ऋषिकेश को भारत का सबसे पवित्र तीर्थ स्थानों में से एक माना जाता है, क्योंकि यह उत्तराखंड में समुद्र तल से 1360 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है. हिमालय की निचली पहाड़ियों और प्राकृतिक खूबसूरती से घिरा यह धार्मिक स्थल गंगा नदी के बहाव से बेहद आकर्षक लगता है. यह छोटा सा शहर आजकल खूबसूरत कपल्स से घिरा रहता है. बड़े-बड़े शहरों से लोग अपने पार्टनर के साथ प्राकृतिक प्रेम का आनंद लेने आते हैं. इसलिए, अक्षय भी ऑस्ट्रेलिया से अपनी मंगेतर अदिति के साथ प्रेम के खास पल बिताने आया है. अदिति का ऋषिकेश में घर है, यहां पर उसने बचपन से लेकर अब तक बेहद खूबसूरत पल बिताए है. पारिवारिक दोस्ती के वजह से अक्षय और अदिति भी दोस्त थे, फिर इनकी दोस्ती प्यार में बदल गई और अब शादी में बदलने जा रही है.
दोनों घूमने के लिए पटना वॉटरफ़ॉल जगह को चुनते हैं, जो दिखने में बहुत ही सुंदर जगह होती है. अदिति के साथ उसकी बहन लव्या, माँ शोभा भी साथ में जाती है. सभी लोग एक साथ गाड़ी में होते हैं और सब गाड़ी के अंदर बैठे-बैठे ही बाहर की पहाड़ियों को देखते रहते हैं.
अक्षय- Wow.. दिस इज़ सो ब्यूटीफ़ुल…
लव्या- गाड़ी से देखने में उतना ब्यूटीफुल नहीं, जितना धीरे-धीरे घूमकर मौसम और पेड़-पोधों को निहारने में है …जीजू
अक्षय- ओह्ह..अच्छा..
अदिति- यस..लव्या सही कह रही है..गाड़ी से इतना पता नहीं चलेगा..
अक्षय- ओके, तो चलो हम सब बाहर पैदल-पैदल चलते है उस ऊपर वाली पहाड़ी तक..
शोभा..नहीं..नहीं..अब हमारा शरीर इतना फुर्तीला नहीं है..कि हम आप लोगों के साथ-साथ घूमने लगे..
अक्षय- ओके! आंटी जी आप यही रहिए लव्या के साथ, तब तक मैं और अदिति थोड़ा बाहर की ताज़ी ताज़ी हवा खा कर आते हैं…(थोड़ा हिचकिचाते हुए पूछा)
अदिति- मैं..तुम्हारे साथ..(थोड़ा शर्माते हुए अदिति ने कहा)
अक्षय-हां..हा बिल्कुल, इफ़ आंटी जी ओके विद इट
शोभा- हां..हां बेटा भला हमे क्या परेशानी होगी..अब तो वैसे भी हमसे ज़्यादा अदिति पर आपका हक है..हंसते हुए शोभा ने कहा
अदिति और अक्षय दोनों गाड़ी से बाहर निकल जाते हैं और पहाड़ी की तरफ़ चढ़ने लगते हैं..
अक्षय- तो बताओं मेरी जानेमन …कैसे फील हो रहा है मेरे साथ अकेले घूमकर..
अदिति – अदिति ने थोड़ा शर्माते हुए कहा…अकेले कहां है..ये देखो..ये हवाएं , ऊपर बादल….पहाड़ियां और ये खूबसूरत सी झाड़ियां..
अक्षय- अक्षय, अदिति की बातें सुनकर ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगा…ओह्ह गॉड..शिट्ट मैं यहां भी अकेला नहीं हूं.. मेरे अलावा सब तुम्हारा ध्यान खींच लेते हैं.
अक्षय- (अक्षय ने थोड़ा रोमांटिक होते हुए कहा)..ठीक है.
अक्षय ने अदिति को अपनी बांहो में लिया और कहा..ठीक है मेरे अलावा तुम सब से बातें करती हो…फूल पत्तियां..धूप-छांव, चांद-तारे…
अदिति अक्षय की बातें सुनकर ज़ोर -ज़ोर से हंसने लग जाती है..और खिलखिलाकर अक्षय की बांहो से छूटकर आगे तरफ़ दौड़ लगाती है..
अक्षय –अरे यार..रूको…कहां जा रही हो..(अक्षय भी अदिति की तरफ़ दौड़ लगाता है)
थोड़ी दूर जाकर अदिति एक बकरी का बच्चा देखती है..अदिति उसे अपनी गोद में उठा लेती है और उसके साथ खूब खेलने लगती है-
अदिति- Wow…सी (see)..अक्षय ये बच्चा कितना क्यूट है..बिल्कुल तुम्हारी तरह…(इतना कहकर अदिति बकरी के बच्चे को किस करने लगती है)
अक्षय- Ohh really..(अक्षय भी उस बच्चे को अपनी गोद में उठा लेता है)
अक्षय..सही है बेटा..तु बहुत किस्मत वाला है..इतनी किस तो मुझे भी नहीं मिली..जितना तुझे मिल रही है
अदिति- ओह्ह …जैलिसी फील हो रही है..
अक्षय– और क्या..और होए भी क्यों नहीं, (दोनों एक दूसरे के सामने खड़े हो जाते हैं)
अदिति-फिर तो तुम..हमारे क्यूट-क्यूट बच्चे से भी जैलिसी फ़ील करोगे…
अक्षय- of course…लेकिन, मैं पांच सालों तक तुम्हारा पूरा प्यार पालूंगा..फिर बाकि का बचा, हमारे बच्चों पर लूटा देना… ( अक्षय ने अदिति को पीछे की ओर से अपनी बाहों में लेते हुए कहा)
अदिति- पांच साल!..(अदिति ने थोड़ा विस्मय के साथ कहा)
अदिति- तुम्हारे कहने का मतलब है कि हम पांच साल बाद फ़ैमिली प्लानिंग करेंगे
अक्षय- यस..स्वीटहार्ट
अदिति..नो..यार …(अदिति ने अक्षय के हाथ से खुद को पीछे करते हुए और थोड़ा सा गुस्सा चेहरे पर लाते हुए कहा)
अक्षय- वॉट इज़ दिस यार..वॉट हैपेंड यार?
अदिति- यार अक्षय..शादी , बच्चा ये सब तुम्हारे अकेले का फ़ैसला नहीं है..इसमें मेरी भी मर्ज़ी शामिल होनी चाहिए या नहीं
अक्षय- (अक्षय ने अदिति की ओर थोड़ा प्यार से हाथ बढाते हुए कहा) हां, लेकिन इसमें प्रॉब्लम क्या है..
अदिति- (अदिति ने थोड़ा इमोशनल होते हुए कहा) ..यार लुक एट यू..लुक एट मी..वी आर 30+ …तुम्हारी वजह से हमारा रिलेशन 10 -12 सालों तक शादी के लिए हां या ना पर स्ट्रगल करता रहा..
अक्षय- इसमें, अब पहले की बात कहां से आ गई ..अदिति..
अदिति- नो ..प्लीज़..लेट मी कंप्लीट यार…
अक्षय- ओके..
अदिति- तुम हमेशा कंन्फ्यूज़ रहते हो..अब जब फ़ाइनली हमारी शादी होने वाली है, तो बच्चा कब करना है कब नहीं इसका भी डिसीजन तुमने अकेले- अकेले ले लिया..
अदिति- थोड़ा सांस लेते हुए …मतलब, तुम्हारे लिए मेरा डिसीजन कोई मायने नहीं रखता है..तुमने इस बारे में मुझसे डिस्कशन करना ज़रूरी नहीं समझा
अक्षय- अरे यार ..अभी हम उस वाली सिचुवेशन में नहीं पहुंचे, सो..दिस इज़ नोट इम्पोर्टेंट फॉर अस ..डार्लिंग..(अक्षय ने थोड़ा फैड़अप होते हुए कहा)
अदिति- बट , इफ़ यू आर सेइंग. इट मीनस..तुम इस बारे में सोच चुके हो..
अक्षय- ओके..सो अगर मैंने कहा भी है तो इसमें प्रोब्लम ही क्या है..यार..मैं अभी नहीं ले सकता हूं एक बच्चे की रिस्पॉन्सबिलिटी..
अदिति- अक्षय की बात सुनकर अदिति ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी..but, अक्षय हर बार तुम वो ही क्यों सोचते हो जो तुम्हें सही लगता है..आई डू नोट एग्री विद यू..
अक्षय- ओके..हमें अभी इस टॉपिक को यहीं क्लोज कर देना चाहिए..शादी के बाद इस पर डिस्कस करेंगे..अभी हमारे लिए यह मूमेंट सबसे खास होना चाहिए..
अदिति- नो यार..तुमने कभी सोचा भी है मेरे बारे में..एक तो तुम इंडिया में शिफ़्ट होने की बजाए, मुझे भी ऑस्ट्रेलिया ले जाना चाह रहे हो..ऊपर से वहां न तुम्हारे मॉम एंड डैड होंगे और न ही मेरी फ़ैमिली का कोई सदस्य..
अक्षय- but, ओनली फ़ॉर द 2 ईयर्स….2 साल की तो बात है..हम फिर इंडिया में दिल्ली में शिफ़्ट हो जाएंगे
अदिति- (अदिति, अक्षय की बात बीच में ही काटते हुए कहती है) ओनली..2 ईयर्स..तुम्हारे लिए यह ओनली हो सकता है..मेरे लिए 2 साल मतलब 20 साल के बराबर होंगे. मैंने अपना करियर भी तुम्हारे लिए सकैरेफ़ाइज़ किया.
अक्षय- अब बच्चे की बात में, करियर कहां से आ गया…(अक्षय अपना माथे को दबाते हुए)
अदिति- थोड़ा खुद को शांत करते हुए..ओके, यार तुम्हें जो सही लगे वो करो…मेरा क्या है मैं अपने दो साल पूरे दिन भर टीवी देखकर बिता लूंगी.. (इसके बाद, अदिति थोड़ा आगे पहाड़ी की ओर बढ़ने लगी)
अदिति थोड़ा रूकती है और फिर आक्षय के सामने आकर कहती है-
अदिति- यू नो वॉट..तुम कभी भी दूसरे इंसान की फिलिंग्स और इमोशन को समझ ही नहीं सकते हो और वो इसलिए, क्योंकि तुम समझना ही नहीं चाहते हो..
(इतना कहकर अदिति आगे की ओर बढ़ जाती है)
और अक्षय वही खड़ा हुआ सोचने लगता है..ओह्ह शिट्ट मैंने अदिति को बहुत ज़्यादा हर्ट कर दिया)
दोनों चुपचाप आगे बढ़ने लगे…
तभी आगे कुछ बकरियों का झुंड चल रहा होता है, उसमें एक बकरी मां बनने वाली थी…उन बकरियों का गडरिया उस बकरी को अपनी गोद में लिटा कर सरहाने लग गया..
उस वक्त बकरी काफ़ी तेज़ आवाज़ में चिल्लाने लगी, उसकी चीख सुनकर एक औरत उसकी मदद करने के लिए आगे बढ़ी..वहीं जब अदिति ने भी उसकी चीख और दर्द की कहराट सुनी तो वह भी उस बकरी की डिलीवरी में मदद करने के लिए आगे बढ़ी..
अदिति ने उस बकरी के सर पर अपने हाथों से सरहाने लगी..और उसे ऐसे जताने लगी, जैसे सब ठीक हो जाएगा..इतने में अक्षय भी वहीं पहुंच जाता है..अक्षय बकरी की हालत देखकर घबराने लग जाता है..
वह भी अदिति के साथ मिलकर उस बकरी की प्रसव पीड़ा जितना हो सकता है उतनी मदद करने लग जाता है. साथ ही, वह दौड़कर एक पशु के डॉक्टर को बुलाकर लाता है. जैसे ही डॉक्टर आता है उस बकरी की आराम से डिलीवरी करा देता है..जैसे ही बकरी का बच्चा इस दुनिया में कदम रखता है उसे सबसे पहले अदिति अपनी गोद में लेती है. अदिति के साथ-साथ अक्षय भी बच्चे को गोद में लेकर खूब प्यार करता है.
थोड़ी देर में, वह गडरिया अपनी बकरी और उसके छोटे से बच्चे को लेकर अपने घर चला जाता है. इस घटना के बाद, अक्षय को अहसास होता है किसी भी लड़की के लिए माँ बनना सबसे बड़ी अचीवमेंट होती है.
अक्षय -आगे चल रही अदिति का हाथ थामकर कहता है, ‘सॉरी’
अक्षय- अगर इतनी तकलीफ़ो के बाद भी कोई माँ अपने बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार रहती है..तो मेरा कोई हक नहीं होता है कि मैं उसके फै़सले की तोहीन करूं
अदिति- अच्छा.
अक्षय..न..न अभी मेरी बात कंप्लीट नहीं हुई…मेरा क्या दुनिया के किसी भी मर्द का कोई हक नहीं होना चाहिए कि वे अपने पार्टनर से बिना पूछे बच्चे करने या नहीं करने का डिसीजन लें. जो माँ इतनी तकलीफ़ों के बाद उसे इस दुनिया में लाएगी, उसका सबसे पहले हक होता है ये डिसीज़न लेना कि वह माँ बनने के लिए कब तैयार है और कब नहीं.
अदिति- हां ..हां….लगता है मेरे होने वाले बच्चे के डैडी जल्दी समझ गए..और दोनों एक साथ हंसने लग जाते है और गले मिलते हैं.
फिर शाम ढ़लने के साथ-साथ दोनों उस पहाड़ी से नीचे की ओर आ जाते हैं.
@Deepika Dwivedi Copy Right for this story